1. कंप्यूटर की मूल इकाइयाँ (Fundamental Units of Computer)
1.1 बिट (Bit)
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तकनीकी विवरण:
बिट इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के स्विच की एक स्थिति को दर्शाता है, जो ट्रांजिस्टर के “ऑन” (1) या “ऑफ” (0) होने से संबंधित होता है।
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इसे कैसे संभाला जाता है?
कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर छोटे-छोटे स्विच होते हैं जो विद्युत् सिग्नल को चालू या बंद करते हैं। इन ट्रांजिस्टरों की संख्या आज के प्रोसेसर में अरबों में होती है।
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विभिन्न बिट ऑपरेशंस:
बिट पर विभिन्न ऑपरेशन किए जाते हैं, जैसे AND, OR, NOT, XOR, जो डिजिटल लॉजिक के मूल हैं।
तकनीकी विवरण:
बिट इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के स्विच की एक स्थिति को दर्शाता है, जो ट्रांजिस्टर के “ऑन” (1) या “ऑफ” (0) होने से संबंधित होता है।
इसे कैसे संभाला जाता है?
कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर छोटे-छोटे स्विच होते हैं जो विद्युत् सिग्नल को चालू या बंद करते हैं। इन ट्रांजिस्टरों की संख्या आज के प्रोसेसर में अरबों में होती है।
विभिन्न बिट ऑपरेशंस:
बिट पर विभिन्न ऑपरेशन किए जाते हैं, जैसे AND, OR, NOT, XOR, जो डिजिटल लॉजिक के मूल हैं।
1.2 बाइट (Byte)
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इतिहास:
प्रारंभ में बाइट की परिभाषा अलग-अलग मशीनों में अलग थी, लेकिन बाद में इसे 8 बिट्स का मानक बनाया गया।
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महत्व:
1 बाइट में एक कैरेक्टर स्टोर हो सकता है, जैसे एक अक्षर, संख्या या चिन्ह।
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बाइट से बड़े यूनिट्स:
किलाबाइट (KB), मेगाबाइट (MB), गीगाबाइट (GB), टेराबाइट (TB) आदि, जो डेटा स्टोरेज और ट्रांसफर की बड़ी मात्राएँ दर्शाते हैं।
इतिहास:
प्रारंभ में बाइट की परिभाषा अलग-अलग मशीनों में अलग थी, लेकिन बाद में इसे 8 बिट्स का मानक बनाया गया।
महत्व:
1 बाइट में एक कैरेक्टर स्टोर हो सकता है, जैसे एक अक्षर, संख्या या चिन्ह।
बाइट से बड़े यूनिट्स:
किलाबाइट (KB), मेगाबाइट (MB), गीगाबाइट (GB), टेराबाइट (TB) आदि, जो डेटा स्टोरेज और ट्रांसफर की बड़ी मात्राएँ दर्शाते हैं।
1.3 कैरेक्टर (Character)
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ASCII और Unicode:
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ASCII कोड में 128 कैरेक्टर होते हैं, जिनमें अंग्रेजी अक्षर, अंक और कुछ नियंत्रण अक्षर शामिल हैं।
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Unicode में लगभग 1,00,000 से ज्यादा कैरेक्टर होते हैं, जो विश्व की लगभग सभी भाषाओं और प्रतीकों को कवर करते हैं।
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कैसे स्टोर होते हैं?
ASCII कोड 7 या 8 बिट्स का होता है, जबकि Unicode के लिए UTF-8, UTF-16 जैसे फॉर्मैट होते हैं, जिनमें एक कैरेक्टर के लिए 1 से 4 बाइट्स तक लग सकते हैं।
ASCII और Unicode:
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ASCII कोड में 128 कैरेक्टर होते हैं, जिनमें अंग्रेजी अक्षर, अंक और कुछ नियंत्रण अक्षर शामिल हैं।
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Unicode में लगभग 1,00,000 से ज्यादा कैरेक्टर होते हैं, जो विश्व की लगभग सभी भाषाओं और प्रतीकों को कवर करते हैं।
कैसे स्टोर होते हैं?
ASCII कोड 7 या 8 बिट्स का होता है, जबकि Unicode के लिए UTF-8, UTF-16 जैसे फॉर्मैट होते हैं, जिनमें एक कैरेक्टर के लिए 1 से 4 बाइट्स तक लग सकते हैं।
2. विभिन्न अंक प्रणालियाँ (Number Systems)
2.1 द्विआधारी प्रणाली (Binary System)
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आधार सिद्धांत:
यह प्रणाली बेस 2 पर काम करती है, जिसमें केवल दो अंकों 0 और 1 का प्रयोग होता है।
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कंप्यूटर में महत्व:
डिजिटल सर्किट में स्विच ऑन-ऑफ की स्थिति को अंकित करने के लिए यह प्रणाली सबसे उपयुक्त है।
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लॉजिक गेट्स और बाइनरी:
कंप्यूटर के लॉजिक गेट्स (AND, OR, NOT, NAND, NOR, XOR, XNOR) बाइनरी बिट्स के साथ काम करते हैं।
आधार सिद्धांत:
यह प्रणाली बेस 2 पर काम करती है, जिसमें केवल दो अंकों 0 और 1 का प्रयोग होता है।
कंप्यूटर में महत्व:
डिजिटल सर्किट में स्विच ऑन-ऑफ की स्थिति को अंकित करने के लिए यह प्रणाली सबसे उपयुक्त है।
लॉजिक गेट्स और बाइनरी:
कंप्यूटर के लॉजिक गेट्स (AND, OR, NOT, NAND, NOR, XOR, XNOR) बाइनरी बिट्स के साथ काम करते हैं।
2.2 ऑक्टल प्रणाली (Octal System)
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इतिहास:
कंप्यूटर के शुरुआती दौर में ऑक्टल प्रणाली बाइनरी डेटा के संक्षिप्त रूप के लिए उपयोग होती थी।
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बाइनरी में रूपांतरण:
हर ऑक्टल अंक 3 बिट्स के बराबर होता है। इसलिए बाइनरी संख्या को आसानी से ऑक्टल में बदला जा सकता है।
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उदाहरण:
बाइनरी संख्या 110101 को समूहित करें 110 (6) और 101 (5) → ऑक्टल संख्या 65।
इतिहास:
कंप्यूटर के शुरुआती दौर में ऑक्टल प्रणाली बाइनरी डेटा के संक्षिप्त रूप के लिए उपयोग होती थी।
बाइनरी में रूपांतरण:
हर ऑक्टल अंक 3 बिट्स के बराबर होता है। इसलिए बाइनरी संख्या को आसानी से ऑक्टल में बदला जा सकता है।
उदाहरण:
बाइनरी संख्या 110101 को समूहित करें 110 (6) और 101 (5) → ऑक्टल संख्या 65।
2.3 हैक्साडेसिमल प्रणाली (Hexadecimal System)
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विशेषता:
हैक्सा प्रणाली बेस 16 होती है, जो 0-9 और A-F (16 अक्षर) का उपयोग करती है।
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कंप्यूटर में उपयोग:
यह विशेष रूप से प्रोग्रामिंग, मेमोरी एड्रेसिंग और रंग कोडिंग (जैसे वेब कलर्स) में लोकप्रिय है।
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रूपांतरण:
1 हैक्सा अंक 4 बाइनरी बिट्स के बराबर होता है।
विशेषता:
हैक्सा प्रणाली बेस 16 होती है, जो 0-9 और A-F (16 अक्षर) का उपयोग करती है।
कंप्यूटर में उपयोग:
यह विशेष रूप से प्रोग्रामिंग, मेमोरी एड्रेसिंग और रंग कोडिंग (जैसे वेब कलर्स) में लोकप्रिय है।
रूपांतरण:
1 हैक्सा अंक 4 बाइनरी बिट्स के बराबर होता है।
3. कंप्यूटर मेमोरी और डेटा स्टोरेज की इकाइयाँ
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बिट और बाइट से लेकर बड़े पैमाने तक:
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1 बिट = 0 या 1
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1 बाइट = 8 बिट्स
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1 किलोबाइट (KB) = 1024 बाइट्स
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1 मेगाबाइट (MB) = 1024 KB
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1 गीगाबाइट (GB) = 1024 MB
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1 टेराबाइट (TB) = 1024 GB
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कंप्यूटर मेमोरी की गणना में 1024 क्यों?
क्योंकि कंप्यूटर द्विआधारी प्रणाली में काम करता है, जहाँ 2 की घातें ज्यादा मायने रखती हैं।
बिट और बाइट से लेकर बड़े पैमाने तक:
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1 बिट = 0 या 1
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1 बाइट = 8 बिट्स
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1 किलोबाइट (KB) = 1024 बाइट्स
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1 मेगाबाइट (MB) = 1024 KB
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1 गीगाबाइट (GB) = 1024 MB
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1 टेराबाइट (TB) = 1024 GB
कंप्यूटर मेमोरी की गणना में 1024 क्यों?
क्योंकि कंप्यूटर द्विआधारी प्रणाली में काम करता है, जहाँ 2 की घातें ज्यादा मायने रखती हैं।
4. कंप्यूटर में बाइनरी गणना और रूपांतरण की गहराई
4.1 बाइनरी गणना के नियम
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जोड़ (Addition):
0+0=0, 0+1=1, 1+0=1, 1+1=10 (0 लिखें और 1 कैरी करें)।
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घटाव (Subtraction):
0-0=0, 1-0=1, 1-1=0, 0-1=1 (1 से उधार लेकर)।
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गुणा (Multiplication):
0×0=0, 0×1=0, 1×0=0, 1×1=1।
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भाग (Division):
बाइनरी में भाग भी दशमलव की तरह किया जाता है, लेकिन केवल 0 और 1 के आधार पर।
जोड़ (Addition):
0+0=0, 0+1=1, 1+0=1, 1+1=10 (0 लिखें और 1 कैरी करें)।
घटाव (Subtraction):
0-0=0, 1-0=1, 1-1=0, 0-1=1 (1 से उधार लेकर)।
गुणा (Multiplication):
0×0=0, 0×1=0, 1×0=0, 1×1=1।
भाग (Division):
बाइनरी में भाग भी दशमलव की तरह किया जाता है, लेकिन केवल 0 और 1 के आधार पर।
4.2 रूपांतरण तकनीक
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दशमलव से बाइनरी:
लगातार 2 से भाग करते जाएँ, शेष को नीचे से ऊपर लिखें।
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बाइनरी से दशमलव:
हर बिट के स्थान के अनुसार 2 की घात लगाकर जोड़ें।
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बाइनरी से ऑक्टल और हैक्सा:
बिट्स को 3-3 (ऑक्टल) या 4-4 (हैक्सा) समूहों में बांटकर अंक निर्धारित करें।
दशमलव से बाइनरी:
लगातार 2 से भाग करते जाएँ, शेष को नीचे से ऊपर लिखें।
बाइनरी से दशमलव:
हर बिट के स्थान के अनुसार 2 की घात लगाकर जोड़ें।
बाइनरी से ऑक्टल और हैक्सा:
बिट्स को 3-3 (ऑक्टल) या 4-4 (हैक्सा) समूहों में बांटकर अंक निर्धारित करें।
5. डिजिटल डेटा का भंडारण (Data Storage in Digital Systems)
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कैसे संग्रहीत होता है डेटा?
कंप्यूटर के हार्डवेयर जैसे RAM, हार्ड डिस्क, SSD, फ्लैश ड्राइव में डेटा बिट्स के रूप में स्टोर होता है।
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डेटा की सुरक्षा:
एरर डिटेक्शन और करेक्शन कोड जैसे parity bits, checksum, और ECC का प्रयोग डेटा की त्रुटियों को कम करने के लिए किया जाता है।
कैसे संग्रहीत होता है डेटा?
कंप्यूटर के हार्डवेयर जैसे RAM, हार्ड डिस्क, SSD, फ्लैश ड्राइव में डेटा बिट्स के रूप में स्टोर होता है।
डेटा की सुरक्षा:
एरर डिटेक्शन और करेक्शन कोड जैसे parity bits, checksum, और ECC का प्रयोग डेटा की त्रुटियों को कम करने के लिए किया जाता है।
6. आधुनिक कंप्यूटर तकनीक में अंक प्रणालियों का महत्व
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मशीन लैंग्वेज और असेंबली:
बाइनरी और हैक्साडेसिमल अंक कंप्यूटर के निचले स्तर के प्रोग्रामिंग भाषाओं में उपयोग होते हैं।
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नेटवर्किंग:
IP एड्रेसिंग और मैस्किंग में बाइनरी अंक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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डेटा कम्प्रेशन और एनक्रिप्शन:
डिजिटल डेटा को कुशलता से सुरक्षित रखने और संपीड़ित करने में अंक प्रणालियों की समझ आवश्यक है।
मशीन लैंग्वेज और असेंबली:
बाइनरी और हैक्साडेसिमल अंक कंप्यूटर के निचले स्तर के प्रोग्रामिंग भाषाओं में उपयोग होते हैं।
नेटवर्किंग:
IP एड्रेसिंग और मैस्किंग में बाइनरी अंक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डेटा कम्प्रेशन और एनक्रिप्शन:
डिजिटल डेटा को कुशलता से सुरक्षित रखने और संपीड़ित करने में अंक प्रणालियों की समझ आवश्यक है।
7. अतिरिक्त विषय: बिट, बाइट के विस्तार रूप
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Nibble:
4 बिट्स का समूह, जो एक हैक्साडेसिमल अंक के बराबर होता है।
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Word:
कंप्यूटर की एक मेमोरी इकाई, जो सिस्टम आर्किटेक्चर पर निर्भर करता है (जैसे 16 बिट, 32 बिट, 64 बिट)।
Nibble:
4 बिट्स का समूह, जो एक हैक्साडेसिमल अंक के बराबर होता है।
Word:
कंप्यूटर की एक मेमोरी इकाई, जो सिस्टम आर्किटेक्चर पर निर्भर करता है (जैसे 16 बिट, 32 बिट, 64 बिट)।
8. निष्कर्ष
कंप्यूटर की मूल इकाइयाँ और विभिन्न अंक प्रणालियाँ डिजिटल युग की रीढ़ हैं। इनकी गहन समझ न केवल कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों के लिए, बल्कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों के लिए आवश्यक है। आज की दुनिया में जहां डेटा और डिजिटल संचार प्रमुख हैं, वहाँ ये आधारभूत ज्ञान हमें बेहतर और सुरक्षित तकनीकी उपयोग की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।