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6/4/15

सॉफ्टवेयर के प्रकार

तकनीकी दृष्टि से सॉफ्टवेयर तीन प्रकार के होते हैं।

  1. सिस्टम सॉफ्टवेयर
  2. एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर 
  3. अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर

सिस्टम सॉफ्टवेयर

“सिस्टम सॉफ्टवेयर” यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है, जिनका काम सिस्टम अर्थात कम्प्यूटर को चलाना तथा उसे काम करने लायक बनाए रखना है। सिस्टम सॉफ्टवेयर ही हार्डवेयर में जान डालता है। यह कंप्‍यूटर के हार्डवेयर को मैनेज और कन्ट्रोल करता हैं और इसके वजह से ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कंप्‍यूटर में चल पाता हैं एव उस पर काम कर पाते हैं. ऑपरेटिंग सिस्टम, कम्पाइलर आदि सिस्टम सॉफ्यवेयर के मुख्य भाग हैं। 

एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर

‘एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर’ ऐसे प्रोग्रामों को कहा जाता है, जो हमारे कंप्यूटर पर आधारित मुख्य कामों को करने के लिए लिखे जाते हैं। आवश्यकतानुसार भिन्न-भिन्न उपयोगों के लिए भिन्न-भिन्न सॉफ्टवेयर होते हैं। वेतन की गणना, लेन-देन का हिसाब, वस्तुओं का स्टाक रखना, बिक्री का हिसाब लगाना आदि कामों के लिए लिखे गए प्रोग्राम ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कहे जाते हैं।

एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर को भी दो भागों में बाँटा जा सकता है :

विशेष उद्देश्यीय एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर

ये वे प्रोग्राम है जो कि उपभोक्ता की आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष तौर पर बनाये जाते हैं । इन सॉफ्टवेयर का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ये उपभोक्ता की सारी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं । इस प्रकार के सॉफ्टवेयरों की मुख्य हानि यह है कि ये सामान्य उद्देशीय सॉफ्टवेयरों की तुलना महँगा होता है ।

सामान्य उद्दश्यीय एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर 


ये वे प्रोग्राम हैं जो कि लोगों के सामान्य आवश्यक कार्यों को करने के लिए बनाये जाते हैं । प्रत्येक प्रोग्राम इस ढंग से लिखा जाता है कि वह बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं पर लागू हो । इस सॉफ्टवेयर का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह सस्ता होता है । लेकिन इसकी एक बड़ी हानि यह है कि ये उपभोक्ताओं की सभी जरूरतों को पूरा नहीं करता ।

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर


यूटिलिटी सॉफ्टवेयर एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है जिसे कंप्यूटर का विश्लेषण, कॉन्फ़िगर, अनुकूलन या बनाए रखने में सहायता के लिए डिज़ाइन किया गया है। जैसे - एंटी वायरस, वायरस स्कैनर इतियादी


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